हम प्यार जिनसे कर रहे बे दूर हमसे रह रहे
देखा तो होती है सुबह , ना पा सके तो रात है
कल तलक जो बश में था ना आज अपने हाथ है
जिस दिल पर अखित्यार था बह आज बेगाना हुआ
जिस पल को नजरें मिल गयी बस गीत बन जाना हुआ
आँखों में सूरत बस गयी लबों पर उनका नाम है
उनकी बंदगी करते रहे बस ये ही अपना काम है
हर गीत मेरे प्यार की खामोश सी आबाज है
ना जाने कब बो जानेंगें मेरे दिल का जो भी राज है
होगी सुबह अगले ही पल कुछ पल की केबल शाम है
प्यार केवल कर मदन , लगनें दे जो इल्जाम हैं
काब्य प्रस्तुति :
मदन मोहन सक्सेना