तुम और मैं
मैं और तुम
हम दोनों ने सफलतापूर्वक एक संसार का सृजन किया है
जिसमें
आशाएँ हैं
कल्पनायें हैं
स्नेह है
परस्पर सम्मान ,सूझबूझ है
अपने इस अनोखे प्यारे संसार
के हम दोनों
प्यार करने बाले पक्षी जैसे हैं
जो प्रतिबद्ध और उत्सुक है
अपने प्रेम , भाबनाएं और सुख दुःख
साझा करने के लिए
जब तक इस शरीर में जान है.
मदन मोहन सक्सेना
आप की लिखी ये रचना....
ReplyDelete09/08/2015 को लिंक की जाएगी...
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