त्रासदी
धर्म निर्पेक्षता का नारा बुलंद करने बाले
आम आदमी का नाम लेने बाले
किसान पुत्र नेता
दलित की बेटी
सदी के महा नायक
क्रिकेट के भगबान
सत्यमेब जयते की घोष करने बाले
घूम घूम कर चैरिटी करने बाले सेलुलर सितारें
अरबों खरबों का ब्यापार करने बाले घराने
त्रासदी के इस समय में
पीड़ित लोगों को नजर
क्यों नहीं आ रहे .
मदन मोहन सक्सेना
पीड़ित लोगों को नजर
ReplyDeleteक्यों नहीं आ रहे .
सही कहा है !!
ReplyDeleteराजनीती करने में व्यस्त होंगे शायद..
ReplyDeleteइसलिए नजर नहीं आ रहे है..
समसामयिक रचना..
बिलकुल सही कहा , आभार , कभी यहाँ भी पधारे
ReplyDeletehttp://shoryamalik.blogspot.in/2013/06/blog-post_6372.html
सच और सटीक बात कही आप ने ,,फुर्सत कहाँ है बड़े लोगों को ..भगवन नजर कहाँ आते हैं ??
ReplyDelete..जय श्री राधे .
भ्रमर ५
ati utam-***
ReplyDeleteस्पोंसर चाहिए भाई साहब .ॐ शान्ति .
ReplyDeleteसही कहा आपने.......ये लोग परदे पर आ कर सिर्फ तालियाँ बटोरना जानते हैं
ReplyDeleteएक गरीब की उजड़ी हुई दुनिया क्या होती है इन्हें क्या पता
हम उनकी कमाई का साधन हैं
ReplyDeleteवे हमारे मनोरंजन मात्र का!
आप को भी महोदय कृष्णु जन्मन अष्ट मी की शुभ कामनाएं । आज की दुनिया व्यवसायी हो गई है जहां उसका फायदा नहीं, स्वार्थ नहीं वहां वह नही जाती है
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