Writer and Poet. Play with words to express feelings.
Wednesday, June 12, 2013
जरुरत
हुयी है आज बारिश और तन मन को भिगोती है सर्दी हो या गर्मी हो किस्मत आज रोती है किस्मत बनाने बाले .क्या नहीं तेरे खजाने में देता क्यों उनको है ,जरुरत जिनको नहीं होती है
किस्मत तो हमेशा ऐसा ही अन्याय करती है इसलिए उस पर कभी भरौसा नहीं करना। भरौसा करना है अपनी बुद्धिमानी, मेहनत और ईमानदारी पर। ताकत है मुठ्ठी में। किस्मत मात्र एक ढकोसला है।
किस्मत तो हमेशा ऐसा ही अन्याय करती है इसलिए उस पर कभी भरौसा नहीं करना। भरौसा करना है अपनी बुद्धिमानी, मेहनत और ईमानदारी पर। ताकत है मुठ्ठी में। किस्मत मात्र एक ढकोसला है।
ReplyDeleteकिस्मत का खेल ही कुछ अजीब होता है .....
ReplyDeleteyahi to kisi ki samajh me nahi aata ...
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