Saturday, November 2, 2013

बस इतना ही

बस इतना ही


कल दीपाबली का दिन
रबिबार की  सुबह
खूब सारी शॉपिंग
बढ़िया बढ़िया खाना
ढेर सारी मस्ती अपनों के साथ
साथ ही साथ लक्ष्मी और गणेश का पूजन
और क्या चाहियें
मित्रों और अपनों कि शुभकामनायें
बस इतना ही काफी है।
शुभ रात्रि
दीपावली मुबारक 

मदन मोहन सक्सेना

1 comment:

  1. पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
    वली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
    सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
    कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
    जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
    रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||


    वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
    पावली=चवन्नी
    गावदी = मूर्ख / अबोध

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