Monday, October 17, 2016

पति पत्नी और करबाचौथ












कल यानि १९ अक्टूबर के दिन करवाचौथ पर  भारतबर्ष में सुहागिनें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए चाँद दिखने तक निर्जला उपबास रखती है . पति पत्नी का रिश्ता समस्त उतार चदाबों   के साथ इस धरती पर सबसे जरुरी और पवित्र रिश्ता है .आज के इस दौर में जब सब लोग एक दुसरे की जान लेने पर तुलें हुयें हों तो आजकल  पत्नी का उपवास रखना किसी अजूबे से कम नहीं हैं।  


मेरी  पत्नी (शिवानी सक्सेना )को समर्न्पित एक कबिता :


अर्पण आज तुमको हैं जीवन भर की सब खुशियाँ 

पल भर भी न तुम हमसे जीवन में जुदा होना
रहना तुम सदा मेरे दिल में दिल में ही खुदा बनकर 
ना हमसे दूर जाना तुम और ना हमसे खफा होना 

अपनी तो तमन्ना है सदा हर पल ही मुस्काओ 
सदा तुम पास हो मेरे ,ना हमसे दूर हो पाओ 
तुम्हारे साथ जीना है तुम्हारें साथ मरना है 
तुम्हारा साथ काफी हैं बाकि फिर  क्या करना है

अनोखा प्यार का बंधन इसे तुम तोड़ ना देना 
पराया जान हमको अकेला छोड़ ना देना 
रहकर दूर तुमसे हम जियें तो बो सजा होगी 
ना पायें गर तुम्हें दिल में तो ये मेरी सजा होगी 








पति पत्नी और करबाचौथ

मदन मोहन सक्सेना  



2 comments:

  1. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (19-10-2016) के चर्चा मंच "डाकिया दाल लाया" {चर्चा अंक- 2500} पर भी होगी!
    करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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