Thursday, June 27, 2013

त्रासदी

















त्रासदी



धर्म निर्पेक्षता का नारा बुलंद करने बाले
आम आदमी का नाम लेने बाले
किसान पुत्र नेता
दलित की बेटी 
सदी के महा नायक 
क्रिकेट के भगबान
सत्यमेब जयते की घोष करने बाले
घूम घूम कर चैरिटी करने बाले सेलुलर सितारें 
अरबों खरबों का ब्यापार करने बाले घराने 
त्रासदी के इस समय में 
पीड़ित लोगों को नजर
क्यों नहीं आ रहे .


मदन मोहन सक्सेना

10 comments:

  1. पीड़ित लोगों को नजर
    क्यों नहीं आ रहे .

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  2. राजनीती करने में व्यस्त होंगे शायद..
    इसलिए नजर नहीं आ रहे है..
    समसामयिक रचना..

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  3. बिलकुल सही कहा , आभार , कभी यहाँ भी पधारे

    http://shoryamalik.blogspot.in/2013/06/blog-post_6372.html

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  4. सच और सटीक बात कही आप ने ,,फुर्सत कहाँ है बड़े लोगों को ..भगवन नजर कहाँ आते हैं ??
    ..जय श्री राधे .
    भ्रमर ५

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  5. स्पोंसर चाहिए भाई साहब .ॐ शान्ति .

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  6. सही कहा आपने.......ये लोग परदे पर आ कर सिर्फ तालियाँ बटोरना जानते हैं
    एक गरीब की उजड़ी हुई दुनिया क्या होती है इन्हें क्या पता

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  7. हम उनकी कमाई का साधन हैं
    वे हमारे मनोरंजन मात्र का!

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  8. आप को भी महोदय कृष्णु जन्मन अष्ट मी की शुभ कामनाएं । आज की दुनिया व्यवसायी हो गई है जहां उसका फायदा नहीं, स्वार्थ नहीं वहां वह नही जाती है

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