Monday, March 25, 2013

होली है


















होली है



तन से तन मिला लो अब मन से मन भी मिल जाये  
प्रियतम ने प्रिया से आज मन की बात खोली है 


ले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज 
यारों कब मिले मौका  अब  छोड़ों ना कि होली है. 

मौसम आज रंगों का , छायी अब खुमारी है 
चलों सब एक रंग में हो कि आयी आज होली है 

क्या जीजा हों कि साली हो ,देवर हो या भाभी हो 
दिखे रंगनें में रंगानें में ,सभी मशगूल होली है 

प्रियतम क्या प्रिय क्या अब सभी रंगने को आतुर हैं 
हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है 

ना शिकबा अब रहे कोई ,ना ही दुश्मनी पनपे 
गले अब मिल भी जाओं सब, कि आयी  आज होली है   


प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना 






1 comment:

  1. बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.

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