मुझे नहीं पता कि नोटबंदी से
कितना कालाधन आया
कितने सफेदपोश जेल के अंदर गए
किन्तु
मुझे पता चल गया है
कि
पैसा क्या चीज है
जिसके लिए
रिज़र्व बैंक को धारक को दिया गया अपना बयान
बार बार बदलना पड़ा।
अपने पैसो को पाने के लिये
किसान, गरीब ,मजदूर , बिधार्थी , ब्यापारी , कर्मचारी
सभी को लाइन में लगना पड़ा।
इस जद्दोजेहद में
कितनो ने अपने जीबन लीला समाप्त कर ली
कितनों ने अपनों को खो दिया
कितनो की शादियाँ टूट गयीं
सरकार को बाहबाही लूटने का मौका मिला
बैंकों के पास खूब पैसा आ गया
कई कम्पनियों पेटयम ,मोबिक्विक ,फ्री चार्ज को अपने पैर पसारने का मौका मिला गया
कालेधन बालों ने नए नए तरीके ईजाद कर लिए अपना धन सफ़ेद करने के लिये
लाख टके का एक सवाल
आम जनता को क्या मिला
सिर्फ इंतज़ार और
मायूसी
हमेशा की तरह
मदन मोहन सक्सेना
Bahut badhiya! aur bilkul sahi:(
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-12-2016) को "हार नहीं मानूँगा रार नहीं ठानूँगा" (चर्चा अंक-2567) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'