मैं , लेखनी और ज़िन्दगी
Writer and Poet. Play with words to express feelings.
Friday, March 1, 2013
मुक्तक (अपना हाल)
अपना हाल
अपना हाल ऐसा है की हम जाने और दिल जाने
पल भर भी बो ओझल हो तो देता दिल हमें ताने
रह करके सदा उनका हमें जीना हमें मरना
गुजारिश है खुदा से अब
, हमको न जुदा करना
प्रस्तुति :
मदन मोहन सक्सेना
3 comments:
Harihar (विकेश कुमार बडोला)
March 1, 2013 at 7:24 AM
बहुत बढ़िया।
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Kailash Sharma
March 1, 2013 at 9:02 AM
बहुत सुन्दर..
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Rajendra kumar
March 1, 2013 at 10:03 PM
अतिसुन्दर!!!!
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बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..
ReplyDeleteअतिसुन्दर!!!!
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